2018 में शामिल, एमआरपी एग्रो लिमिटेड मुख्य रूप से खाद्यान्न, फ्लाई-ऐश और कोयला उत्पादों के व्यापार और आयात और निर्यात में लगी हुई है। व्यापार B2B (व्यापार के लिए व्यापार) मॉडल है, जिसमें, यह नीलामी के माध्यम से थोक में घरेलू बाजार से उत्पादों की खरीद और थोक विक्रेताओं को बेचता है।
एमआरपी एग्रो के पास मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के स्थानीय बाजार से अनाज खरीदने के लिए स्थानीय मंडी लाइसेंस है, साथ ही कोयला खरीदने के लिए झारखंड सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग के साथ एक पंजीकृत डीलर भी है। कंपनी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक मजबूत व्यापार नेटवर्क बनाया है और इन-हाउस गुणवत्ता निरीक्षण विभाग के माध्यम से उत्पाद गुणवत्ता मानक को बनाए रखता है।
फ्रैंकलिन टेंपलटन से 20 दिनों के भीतर निवेशकों को ₹9,122 करोड़ वितरित करेगा।
शीर्ष अदालत ने एसबीआई म्यूचुअल फंड को वितरण करने का निर्देश दिया है
फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ ने 23 अप्रैल, २०२० को मुक्ति के दबाव और बांड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देते हुए छह ऋण म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद कर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फ्रैंकलिन टेंपलटन को अप्रैल २०२० में म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा बंद की गई छह योजनाओं के यूनिटधारकों के बीच ९,१२२ करोड़ रुपये वितरित करने का निर्देश दिया है । शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि एसबीआई म्यूचुअल फंड द्वारा किए जाने वाले धन का वितरण और वितरण को 20 दिनों के भीतर पूरा करने की आवश्यकता है ।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि यूनिटधारकों को योजना की परिसंपत्तियों में उनके संबंधित हिस्से के अनुपात में चुकाया जाना चाहिए।
फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने कहा है कि अप्रैल में बंद होने के बाद से उसकी छह बंद योजनाओं को परिपक्वता, पूर्व भुगतान और कूपन भुगतान से ₹१४,३९१ करोड़ रुपये मिले हैं ।
फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ ने रिडेम्पशन प्रेशर और बॉन्ड मार्केट में लिक्विडिटी की कमी का हवाला देते हुए 23 अप्रैल, २०२० को छह डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स बंद कर दीं ।
योजनाएं-फ्रैंकलिन इंडिया लो टर्म फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक उपार्जन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्च्युनिटीज फंड–एक साथ मैनेजमेंट (एयूएम) के तहत संपत्ति के रूप में अनुमानित ₹२५,० करोड़ थे ।
फंड हाउस ने एक बयान में कहा, “छह योजनाओं को 29 जनवरी, २०२१ तक 14,391 करोड़ रुपये का कुल नकद प्रवाह प्राप्त हुआ है, जो समापन के बाद से परिपक्वता, कूपन और पूर्व भुगतान से है ।
ताजा पखवाड़े (16-29 जनवरी) में इन योजनाओं को 602 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 350 करोड़ रुपये पूर्व भुगतान के रूप में थे।
व्यक्तिगत रूप से फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड, फ्रैंकलिन इंडिया लो टर्म फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक उपार्जन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड और फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान में क्रमशः 65 फीसदी, 53 फीसदी, 41 फीसदी, 27 फीसदी और 11 फीसदी कैश में हैं।
फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्च्युनिटीज फंड में उधारी के स्तर में लगातार गिरावट जारी है और वर्तमान में एयूएम का 5 प्रतिशत है ।
फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ ने कहा कि इन पांच नकद सकारात्मक योजनाओं के लिए 29 जनवरी तक नकद उपलब्ध 9,770 करोड़ रुपये है, बढि़यों से चल रहे खर्चों के अधीन।
शेष 4,621 करोड़ रुपये का उपयोग छह योजनाओं पर उधार और ब्याज चुकाने के लिए किया गया है।
ऐसे कंपनियों जो कि लगातार पिछले 10 वर्षों के लिए डिविडेंड में वृद्धि की है।
आपको डिविडेंड शेयर में निवेश क्यों करना चाहिए?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए, डिविडेंड रिटर्न बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे एक अतिरिक्त आय है। और जो आपने शेयर ले रखा है उसके द्वारा अर्जित लाभ से ऊपर हैं ।
मैंने डिविडेंड शेयर पोर्टफोलियो में ऐसी कंपनियां रखा है, जिन्होंने पिछले 10 साल से लगातार अपने डिविडेंड भुगतान में वृद्धि की है। स्टॉक रिटर्न में दो भाग होते हैं- मूल्य रिटर्न और डिविडेंड रिटर्न। एक निवेशक स्टॉक बेचने से पहले डिविडेंड के रूप में निवेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वापस कमा सकता है।
हर बार एक कंपनी के एक डिविडेंड की घोषणा करती है , यह बाजार के लिए संकेत देता है कि कंपनी अच्छी तरह से काम काम कर रही है। जिसका बिज़नेस बुक सही तरह से मैनेज हो रही है।
कई निवेशक लाभांश Dividend) पर ध्यान केंद्रित करते हैं जब यह तय करते हैं कि उनके पैसे का निवेश कहां करना है। ऐसा करने का मुख्य कारण पूंजीगत लाभ के अलावा नियमित लाभांश आय अर्जित करना है। फर्मों, विशेष रूप से स्थापित लोगों को, शेयर लाभांश भुगतान के रूप में समय-समय पर अपने निवेशकों को पूंजी लौटाने का अभ्यास है ।
डिविडेंड पोर्टफोलियो और शेयर
मैंने यहाँ पर डिविडेंड पोर्टफोलियो में शेयर सिलेक्शन में तीन हिस्सों में डिवाइड किया है। आप अपना पोर्टफोलियो बनाते समय भी अपने शेयर के चुनाव में ध्यान रखे. १- लार्ज कैप – 64.80% २- मिड कैप – 8.80% ३- स्माल कैप -26.40%
स्टॉक्स
Consumer Finance – Bajaj Finance Ltd
Paints – Asian Paints
Cables – Finolex Cables Ltd
Home Financing- Housing Development Finance Corporation Ltd
IT Service – Infosys Ltd
FMCG – ITC Ltd
Houseware- La Opala R G Ltd
Real Estate- Nesco Ltd
Software Service- Persistent Systems Ltd
Chemicals – Pidilite Industries Ltd
Oil and Gas – Reliance Industries Ltd
सेगमेंट वेटेज %
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
बराबर हिस्सा
आप अपना पोर्टफोलियो बनाये और एक्स्ट्रा इनकम डिविडेंड के रूप में कमाए। समय समय पर इसमें अपडेट करने की भी जरुरत होता है। आप हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़े एंड टेलीग्राम पर भी जुड़ सकते है। समय समय पर होने वाले अपडेट के बारे में आपको हमेशा आगे रहने के लिए जरूर जोड़े। अगर आपको हमारे प्रयास अच्छा लगा तो जरूर अपने फ्रेंड्स में शेयर करे।
जैसा की आप जानते है , अभी आईपीओ में अप्लाई करने के लिए 15000 का टिकट साइज होता था। जिससे छोटे इन्वेस्टर को इन्वेस्ट करने में दिक्कत होती थी। जिसे घटाने पर विचार चल रहा है यानी IPO में निवेश की रकम 15,000 रुपए से घटाकर 7,500 रुपए करने की तैयारी में है- SEBI
पिछले साल ऐसे कई IPO कामयाब रहे जिनमें छोटे निवेशकों ने बड़ी संख्या में पैसा लगाया था। Happiest Minds Technologies का IPO पिछले साल सबसे कामयाब इश्यू में शामिल रहा। यह 150 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें रिटेल इनवेस्टर्स का पोर्शन 70.94 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं इस साल बेक्टर्स फूड का IPO 68 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
वहीं Mazagon Dock में रिटेल इनवेस्टर्स का सब्सक्रिप्शन 36 गुना और IRCTC में 15 गुना हुआ था। ये सभी IPO प्रीमियम पर खुले थे लेकिन रिटेल निवेशकों को बहुत कम शेयर मिल पाएं।
सेबी को कई रिटेल इनवेस्टर एसोसिएशन से इस बात की शिकायत किया था कि छोटे निवेशक ज्यादातर अच्छे IPO में पैसा नहीं लगा पाते हैं। जिसे टिकट साइज काम करना चाहिए।
इसी को ध्यान में रखते हुए SEBI ये बिचार कर रही है कि जल्द से जल्द टिकट साइज 7000 -8000 किया जाए।
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) देश की सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनियों में से एक मानी जाती है। इस कंपनी पर निवेशकों का भरोसा इसलिए है क्योंकि यह सरकार द्वारा संचालित कंपनी है। एक और खास वजह यह है कि इस कंपनी की अलग-अलग पॉलिसी को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि अमीर से लेकर गरीब तक इसमें निवेश कर सकता है।
एलआईसी ग्राहकों टर्म पॉलिसी, एंडोमेंट, पेंशन लाइफ इंश्योरेंस आदि पॉलिसी बेचती है। आज हम आपको एलआईसी की एक ऐसी पॉलिसी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आप रोजाना 43 रुपये का निवेश करके 3 लाख 60 हजार रुपये पा सकते हैं। इस पॉलिसी का नाम आधार स्तंभ है। यह नॉन-लिंक्ड, नियमित प्रीमियम भुगतान के साथ लाभ देने वाली एंडॉमेंट पॉलिसी है।
इस पॉलिसी में निवेश करने के बाद ग्राहक को बचत और सुरक्षा दोनों हासिल होती है। यह विशेषकर पुरुष पॉलिसी धारकों के लिए है जिनके पास यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड हैं। 8 से 55 साल के व्यक्ति इस पॉलिसी में निवेश के लिए पात्र हैं। पॉलिसी के लिए न्यूनतम अवधि 10 और अधिकतम 20 साल है। न्यूनतम सम एश्योर्ड 75 हजार रुपये तो अधिकतम 3 लाख रुपये है। अब सवाल यह है कि कोई ग्राहक रोजाना 43 रुपये का निवेश कर इस पॉलिसी के जरिए 3 लाख 60 हजार रुपये पा सकता है? इसे हम एक उदाहरण से समझने की कोशिश करेंगे।
एसए : 60000 एलए (लॉयल्टी एडिसन्स): 97500 मैच्योरिटी के समय कुल अनुमानित रिटर्न: 360000
उदाहरण: अगर कोई अभिभावक अपने 27 साल का व्यक्ति यह प्लान लेता है तो उसे रोजाना 43 रुपये 15 साल के लिए भरने होंगे। इस तरह पॉलिसीधारक को कुल 237392 रुपये का प्रीमियम भरना होगा। इसके बदले में उसे Rs.3,60,000 रुपये मिलेंगे।