36 साल के Mr कुमार ने 2017 में म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू किया। वह इसमें 10-12 साल तक निवेश करना चाहते थे, पर इनमें रिटर्न उतने अधिक नहीं है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई। वह जानना चाहते हैं क्या उन्हें एसआईपी (SIP) ( सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश बंद कर देना चाहिए?
कोविड-19 के कारण यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है, क्योंकि शेयर बाजार अनिश्चित है, अर्थव्यवस्था में गिरावट है लोगों की आय घटी है और एसआईपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं है।
एसआईपी में निवेश रोकने के कारण-
फंड का खराब प्रदर्शन
नौकरी जाना या वेतन में कटौती
आर्थिक अनिश्चितता
फंड वैल्यू में आई गिरावट
पहले खुद से पूछें कि म्यूचुअल फंड में पैसा क्यों लगाया था। इसमें निवेश के पीछे एक लक्ष्य होता है। जब आप लंबे समय का लक्ष्य जैसे कार खरीदने, बच्चों की शिक्षा या रिटायरमेंट, ध्यान में रख निवेश करते हैं, तो निवेश की अवधि पांच से 20 साल की होती है। मान लें कि आप कार खरीदना चाहते हैं, जिसकी कीमत पांच साल बाद 7.5 लाख रुपये होगी। कर्ज लेकर खरीदने पर यह एक बड़ी रकम होगी।
पर आप बचत कर कार खरीदना चाहें, तो हर महीने निवेश करना होगा। एसआईपी के जरिए निवेश लोगों में लंबे समय तक चोटे निवेश की आदत डालता है। रुपया-लागत अनुपात एसआईपी का दूसरा लाभ है- यानी बाजार गिरने पर आप ज्यादा यूनिट खरीदते हैं, और जब बाजार उठता है, तब कम यूनिट खरीद पाते हैं। इससे लंबे समय में प्रति इकाई औसत लागत कम पड़ती है।
निवेश रोकना क्यों गलत है
अगर आप एसआईपी रोककर अपना निवेश बंद कर देते हैं, तो इसका अर्थ है, कि आपने शेयर बाजार से लाभ कमाने का अवसर गंवा दिया है। अलग-अलग समय पर निवेश करने पर कैसा रिटर्न मिलता है, यह समझने के लिए हम 10 साल की तान अवधि, 2000-2009, 2005-2014 और 2010-2019 को लेते हैं। इन निवेशों को परखने के लिए हर मामले में प्रत्येक महीने के अंत में बीएसई इंडेक्स में सूचीबद्ध एस एंड पी में एसआईपी में 1,000 रुपये का निवेश किया गया। जिन निवेशकों ने 10 साल या 20 साल का निवेश किया (जैसे कि ए बी सी डी), उस पर मुद्रास्फीति या 2008 की वैश्विक मंदी का कोई असर नहीं था।
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आपको क्या करना चाहिए
अगर पैसे के अभाव में आप भविष्य के लिए निवेश नहीं कर सकते, तो एसआईपी पॉज (दो-तीन महीने के लिए निवेश रोक देना) का विकल्प आजमा सकते हैं या एसआईपी में निवेश तब तक रोक सकते हैं, जब तक कि आप की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हो जाती। अगर फंड का प्रदर्शन इसके बेंचमार्क (मानक) और पीयर्स (दूसरे फंड) की तुलना में लगातार खराब है, तो आपको दूसरे फंड में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए। आपके पास कम रुपये, तो एसआईपी में कम रुपए डालें, पर एसआईपी को अचानक से न रोकें।
धैर्य का फल मीठा
निवेशक ए | निवेशक बी | निवेशक सी | निवेशक डी | |
निवेश अवधि | जनवरी 2000 – दिसंबर 2019 | जनवरी 2000 – दिसंबर 2009 | जनवरी 2005 – दिसंबर 2014 | जनवरी 2010 – दिसंबर 2019 |
एसआईपी | 2,40,000 | 1,20,000 | 1,20,000 | 1,20,000 |
एसआईपी की वैल्यू | 10,54,000 | 3,58,000 | 2,20,158 | 2,07,963 |
रिटर्न (आंतरिक प्रतिफल दर फीसदी) | 13.20 फीसदी | 21.7 फीसदी | 12.76 फीसदी | 10.85 फीसदी |
बाजार के नीचे गिरने से चिंतित निवेशक को जल्दी ही अपने निवेश से बाहर निकलने से नुकसान हुआ। निवेशक ई अगर और पांच महीने निवेश करते, तो उन्हें ज्यादा लाभ मिलता।
अवसर खोना | निवेशक ई | निवेशक ई – 1 |
निवेश अवधि | जनवरी 2005 – जुलाई 2008 | जनवरी 2005 – दिसंबर 2009 |
एसआईपी | 43,000 | 60,000 |
एसआईपी की वैल्यू | 55,750 | 91,786 |
रिटर्न(आंतरिक प्रतिफल दर फीसदी) | 16.32 फीसदी | 18 फीसदी |
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